BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA THINGS TO KNOW BEFORE YOU BUY

baglamukhi shabar mantra Things To Know Before You Buy

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माता बगलामुखी की साधना जिस घर में होती है उस घर के लोग शत्रु, रोग, दुख-दारिद्रय, कलह आदि से मुक्त रहते हैं।

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श्रीब्रह्मास्त्र कल्पोक्त सूर्य- मण्डल-स्थित श्रीबगला- मुखी का ध्यान

व्याेँप्ताङ्गीं बगला-मुखीं त्रि-जगतां संस्तम्भिनीं चिन्तये

मुद्-गरं दक्षिणे पाशं, वामे जिह्वां च वज्रकम् ।पीताम्बर-धरां सान्द्र-वृत्त-पीन-पयोधराम‌्

इन दो बगला-शाबर मन्त्रों के अतिरिक्त भी एक अन्य शाबर मंत्र गुरु-प्रसाद स्वरूप हमें प्राप्त हुआ था, जिसका उल्लेख मैं यहाँ कर रहा हूं। इस मन्त्र का विधान यह है कि सर्वप्रथम भगवती का पूजन करके इस मन्त्र का दस हजार की संख्या में जप करने हेतु संकल्पित होना चाहिए। तदोपरान्त एक निश्चित अवधि में जप पूर्ण करके एक हजार की संख्या में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिए। तदोपरान्त तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए। तर्पण गुड़ोदक से करें। इस प्रकार इस मन्त्र का अनुष्ठान पूर्ण होता है। फिर नित्य-प्रति एक माला इस मन्त्र की जपते रहना चाहिए। इस मन्त्र का प्रभाव भी अचूक है अतः निश्चित रूप से साधक के प्रत्येक अभीष्ट की पूर्ति होती है। मन्त्र इस प्रकार है

विश्वेश्वरीं विश्व-वन्द्यां, विश्वानन्द-स्वरूपिणीम् ।

कालानल-निभां देवीं, ज्वलत् – पुञ्ज-शिरोरुहां। कोटि-बाहु-समायुक्तां, वैरि-जिह्वा-समन्वितां।।

जिह्वाग्रमादाय कर-द्वयेन, छित्वा दधन्तीमुरु-शक्ति-युक्तां।

ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:।

प्रसन्नां सुस्मितां क्लिन्नां, सु-पीतां प्रमदोत्तमाम् । सु-भक्त-दुःख-हरणे, दयार्द्रांं दीन-वत्सलाम् ।

गदाहत – विपक्षकां कलित – baglamukhi shabar mantra लोल-जिह्वाञ्चलां ।

जिव्हा खिंच लो शत्रु की सारी, बोल सके न बिच सभारी तुम मातु मैं दास तुम्हारा,

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